श्रम विभाजन और जाति-प्रथा पाठ सारांश | Sharm Vibhajan aur Jaati Pratha Class 12 Summary In Hindi

Ncert Books के सभी Chapters को बच्चो को पड़ना और समझना चाहिए क्योंकि जब बच्चे पाठ को ध्यान से पड़ेंगे तो उन्हें उस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी मिलेगी। सीबीएसई बोर्ड के एनसीईआरटी किताब “आरोह भाग दो” कक्षा बारवी के भक्तिन पाठ का सारांश यानी Summary Of Bazar Darshan Class 12 दिया गया ताकि आसानी से पाठ याद रहे।

Hindi Class 12 Chapter 18 sharm vibhajan aur jaati pratha Summary in Hindi



प्रस्तुत पाठ डॉक्टर साहब द्वारा दिया जाने वाला भाषण था जो कि जाति-पाति तोडक मंडल लाहौर के वार्षिक अधिवेशन के अध्यक्षीय भाषण के रूप में तैयार किया गया था। बाद में इसे स्वतन्त्र पुस्तिका के रूप में प्रकाशित किया गया। इस लेख में डॉक्टर साहब ने जाति प्रथा जैसे जटिल विषय को स्वतन्त्रता, समता और बंधुता जैसे विषयों से जोड़कर प्रस्तुत किया है कि किस प्रकार जाति प्रथा रोजगार, भ्रातृभाव और समता के लिए घातक है। जाति प्रथा श्रम विभाजन का एक तरीका नहीं हैं, बल्कि वह श्रमिक विभाजन का कारण बन गई है। लेखक के अनुसार समानता लोकतन्त्र और बंधुता। इन तीनों की कल्पना जातिप्रथा जैसे कंलक को मिटाए बिना संभव नहीं है। जाति प्रथा के उन्मूलन बिना भारतीय समाज एक आदर्श समाज नहीं बन सकता।

कार्यकुशलता के लिए सभ्य समाज श्रम विभाजन को आवश्यक मानता है और भारत में अविभाजन जाति प्रथा पर आधारित है। लेकिन जब जाति प्रथा श्रम विभाजन के नाम अमिक विभाजन करती है, उस स्थिति में यह तक सिद्ध होती है। श्रमिकों को विभन्न वर्ग में बांटकर उनमें ऊंचे-नीचे की खाई भी बना देती है। जिससे कार्य कुशलता में कमी आती है क्योंकि कोई भी पेशा या धंधा श्रमिक की रूचि के अनुसार नहीं बल्कि उसकी जाति के आधार पर करता शता है। गर्भधारण के समय निर्धारित पेशे को बदलना व्यक्ति के लिए नाममकिन ही नहीं असंभव हैमले हो उस पेशे से व्यक्ति को लाभ हो अथवा हानि। हिंदू धर्म की जाति प्रथा किसी भी व्यक्ति को ऐसा पशा चुनने की अनुमति नहीं देती है, जो उसका पैतृक न हो, भले ही वह उसमें पारंगत हो। इस स्थिति में जाति प्रथा बेरोजगारी का प्रमुख कारण बन जाती है। अनेक व्यवसाय ऐसे हैं जिन्हें हिंदू लोग घृणित मानते हैं, उनमें कार्य करने वाले लोग अरूचि के कारण अपनी कार्य कुशलता का प्रयोग नहीं करते क्योंकि उस काम में उनका न दिल लगता है, न दिमाग इस प्रकार जाति प्रथा न केवल सामाजिक बल्कि एक आर्थिक बुराई भी है।

NCERT Summary को बच्चो को ध्यान में देते हुए बनाए गए हैं ताकि उन्हें किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े और वे सभी Students अपने परीक्षा परिणाम में अच्छे अंक ला के अपने जीवन को सफल बना पाए मुझे आप के ऊपर पूरा विश्वास है कि आप सभी अपने परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करेंगे।

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