Ncert Books के सभी Chapters को बच्चो को पड़ना और समझना चाहिए क्योंकि जब बच्चे पाठ को ध्यान से पड़ेंगे तो उन्हें उस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी मिलेगी। सीबीएसई बोर्ड के एनसीईआरटी किताब “आरोह भाग दो” कक्षा बारवी के भक्तिन पाठ का सारांश यानी Summary Of Shirish Ke Phool Class 12 दिया गया ताकि आसानी से पाठ याद रहे।
Hindi Class 12 Chapter 17 Shirish Ke Phool Summary
शिरीष के फुल’ एक ललित निबंध है। इस निबंध में लेखक ने बाहय कठोर परिस्थितियों से प्रभावित हुए बिना लगातार धैर्यपूर्वक कर्त्तव्यशील बने रहने का महान मानवीय मूल्य स्थापित किया है। जैसे शिरीष के फल आंधी-लू और गर्मी की प्रचंडता में भी अवधूत की तरह अविचल होकर कोमल पुष्पों का सौंदर्य बिखेरता है। शिरीष के पुराने और पके हुए फलों के माध्यम से नई और पुरानी पीढ़ी के दबंदव को उजागर किया है। पुरानी पीढ़ी को हमेशा नएपन के स्वागत के लिए तैयार रहना चाहिए तथा उसके लिए जगह छोड़ देनी चाहिए। शिरीष को नज़र अंदाज किए जाने की साहित्यिक घटना से आहत लेखक ने सच्चे कवि ( साहित्यकार) के लिए नए मापदंड स्थाि किए हैं। लेखक के अनुसार योगी की अनासक्त शून्यता और प्रेमी की सरस पूर्णता एक साथ उपलब्ध होना सत्कवि होने की एकमात्र शर्त है। अंत में लेखक ने वर्तमान युग में गांधीवादी मूल्यों की आवश्यकता पर जोर दिया है। गांधी जी ने भी एक अवधूत की भांति देह-बल को अपने आत्म-बल से परास्त किया। समाज को उनसे प्रेरित होने का संदेश दिया है।
पाठ के इस प्रारम्भिक भाग में लेखक ने अन्य फूलों के बीच शिरीष के फूलों की श्रेष्ठता सिद्ध की है। भारतीय संस्कृत साहित्य में इस फूल में कोमलता का गुण ही देखने को मिलता है, लेकिन लेखक ने इस फूल में कोमलता के साथ-साथ कठोरता के भी दर्शन किए है। शिरीष के फूल वर्ष में अधिकतर समय खिले रहते हैं। भीषण गर्मी में खिले रहने से लेखक को इनमें विपरीत परिस्थितियों में जीने कठोर भावना दिखाई पड़ती है। शिरीष कालजई अवधूत की भाँति जीवन की अजेयता के मंत्र का प्रचार करता रहता है। इसके फल इतने मजबूत हैं कि नए फूलों के निकल आने पर भी उनके लिए स्थान नहीं छोड़ते। लेखक ने यहाँ पुरानी पीढ़ी व नेताओं की ओर स्पष्ट संकेत किया है कि उन्हें नएपन के स्वागत के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। नई पीढ़ी के लिए स्वयं ही स्थान छोड़ देना चाहिए, नहीं तो उन्हें धक्का मारकर बाहर कर दिया जाएगा। लेखक नई व पुरानी पीढ़ी की बात को दार्शनिकता का पुट देते हुए कहते हैं कि फल लगा है उसका झरना निश्चित है। काल देव सभी जीवों को निगल जाएगा। प्राणधारा और कालाग्नि का संघर्ष निरंतर चल रहा है। इस संघर्ष में केवल वह व्यक्ति अपने अस्तित्व को कुछ देर तक बचाए रख सकता है, जो गतिशील है। सामाजिक दृष्टि से भी वह व्यक्ति कभी सम्मान नहीं प्राप्त कर सकता, जो अपने पुराने और खोखले विचारों में उलझा रहता हो। परिवर्तन प्रकृति का शाश्वत नियम है।
● प्रस्तुत भाग में लेखक ने पेड़े-पौधों के वायुमंडल से रस लेने की वैज्ञानिक बात का समर्थन करते हुए कवि की योग्यता-निर्धारित करने का प्रयास किया है। गर्मी-सर्दी के मौसम में शिरीष के फूल समान रूप से अवधूत की तरह अपना अस्तित्व बनाए हुए हैं। इसी प्रकार वास्तव में कवि उसी को माना जा सकता जो स्थिरप्रज और अनासक्त योगी है। जो शिरीष की भाँति फक्कड़ है। तदानुसार केवल ब्रह्मा, वेदव्यास और वाल्मीकि ही कवि की श्रेणी में आते हैं। शब्द लिखना और उनकी तुकबंदी करना कवित्व नहीं है। कालिदास ने शकुंतला के सौंदर्य का वर्णन किया। वास्तव में वह शकुंतला की नहीं, बल्कि कवि के हृदय की सुंदरता है। प्रेमी दुष्यत शकुंतला के चित्र को पूर्ण नहीं कर सकते, उसमें कुछ न कुछ कमी रह जाती है। उनमें शिरीष के फूलों की पूर्णता नहीं आ पा रही है, क्योंकि दुष्यंत केवल बाहरी सौंदर्य ही देख रहा है. आंतरिक नहीं। उसके प्रेम में शिरीष के फूलों की अनासक्ति नहीं है। कवि का कार्य सुख दुख में अनासक्त रहकर उससे जीवन-रस निकालना होता है। बाह्य और आंतरिक सौंदर्य का वर्णन करना ही कवि की पूर्णता है। लेखक के अनुसार कालिदास के अतिरिक्त सुमित्रानंदन पंत और कविवर रवीन्द्रनाथ टैगोर में यह गुण विद्यमान है। साधारण व्यक्ति की दृष्टि जहाँ समाप्त होती है, कवि वहाँ से देखना आरम्भ करता है। यह सृष्टि तो सृष्टिकर्त्ता का संकेत मात्र है। इस सृष्टि को योगी की अनासक्त शून्य और प्रेमी की सरस पूर्णता के द्वारा ही जाना जा सकता है।
पाठ के अंतिम भाग में लेखक ने देहवन के ऊपर आत्म-बलको सिद्ध करने वाले अवधूत महात्मा गांधी का याद किया है। गांधी जी प्रतिकूल और विषम परिस्थितियों में भी आत्मवल के सहारे अंग्रेजों के दह बल में जीत गए। व्यक्ति अंदर हो तो बाह्य परिस्थितियों के अनुकूल न होने पर भी शिरीष की भीषण गर्मी में वातावरण में रस प्राप्त करके जो
NCERT Summary को बच्चो को ध्यान में देते हुए बनाए गए हैं ताकि उन्हें किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े और वे सभी Students अपने परीक्षा परिणाम में अच्छे अंक ला के अपने जीवन को सफल बना पाए मुझे आप के ऊपर पूरा विश्वास है कि आप सभी अपने परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करेंगे।