एक कुत्ता और एक मैना पाठ के प्रश्न उत्तर | NCERT Solutions for Class 9 Kshitij Chapter 8

NCERT Solution:- Ak Kutta Aur Ak Maina Class 9th Chapter 8 of Kshitij Part 1 Book has been developed for Hindi Course. We are going to show Question and Answer with Pdf Files. Our aim to help all students for getting more marks in exams.

Book: क्षितिज भाग 1 हिंदी
Chapter: एक कुत्ता और एक मैना
Writter: हजारी प्रसाद द्विवेदी
Class: 9th
Board: Cbse

Ak Kutta Aur Ak Maina Class 9th Hindi Question and Answer With Pdf Files

प्रश्न 1. गुरुदेव ने शांतिनिकेतन को छोड़ कहीं और रहने का मन क्यों बनाया?

उत्तर: गुरुदेव के शांतिनिकेतन को छोड़कर कहीं ओर जाने का मन सम्भवतः अपने खराब स्वास्थ्य के कारण बनाया होगा या फिर किसी भाव के वशीभूत होकर उन्होंने ऐसा निर्णय किया होगा।

प्रश्न: 2. मूक प्राणी मनुष्य से कम संवेदनशील नहीं होते। पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: मूक प्राणी मनुष्य से कम संवेदनशील नहीं होते। यह कथन उस समय स्पष्ट हुआ जब गुरुदेव रवींद्रनाथ शांतिनिकेतन को छोड़कर श्रीनिकेतन में आकर रहने लगे थे तब उनका कुत्ता बिना किसी के कुछ बताये अपने-आप ही दो मील दूर अपने स्नेह दाता के पास पहुँच गया। जब गुरुदेव की चिताभस्म कोलकाता के आश्रम में लाई गई तब भी पता नहीं किस सहज बोध के बल पर वह कुत्ता आश्रम के द्वार तक आया और आश्रमवासियों के साथ उनके निवास स्थान तक आथा। वह थोड़ी देर चुपचाप उस कलश के पास बैठा जिसमें गुरुदेव की चिताभस्म थी। इस प्रकार के तथ्यों से ज्ञात होता है कि मूक प्राणी भी मनुष्य से कम संवेदनशील नहीं हैं।

प्रश्न: 3. गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी कविता के मर्म को लेखक कब समझ पाया?

उत्तर: लेखक को यह विश्वास नहीं था कि दूसरों पर करुणा दर्शाने वाली मैना भी कभी करुण हो सकती है। गुरुदेव रवींद्रनाथ ने उनको मैना का करुण भाव दिखाया। उन्होंने आश्रम में एक ऐसी मैना दिखाई जो अकेली थी और लँगड़ा कर चल रही थी। शायद उसी मैना को लक्ष्य बनाकर गुरुदेव ने एक कविता लिखी थी, जिसमें उस मैना के दल से अलग अकेली रहने से लेकर शिकार करने, सवेरे धूप में आहार करने का वर्णन किया है। लेखक जब कभी इस कविता को पढ़ता है तो उस मैना की करुण मूर्ति स्पष्ट रूप से सामने आ जाती है।

प्रश्न 4. प्रस्तुत पाठ एक निबंध है। निबंध गद्य साहित्य की उत्कृष्ट विधा है, जिसमें लेखक अपने भावों और विचारों को कलात्मक और लालित्यपूर्ण शैली में अभिव्यक्त करता है। इस निबंध में उपर्युक्त विशेषताएँ कहाँ झलकती हैं।

उत्तर: प्रस्तुत निबंध की उपर्युक्त विशेषताएँ अग्रलिखित प्रसंगों के माध्यम से झलकती हैं –

जब लेखक स्वयं गुरुदेव रवींद्रनाथ के दर्शन करने के लिए आता है या फिर किसी को अपने साथ लाता है तो वहाँ पर भावों की अभिव्यक्ति दर्शनीय हो जाती है।
मूक प्राणी के रूप में कुत्ते की आत्मीयता का लालित्यपूर्ण चित्रण किया गया।
आश्रम में कौओं का न पाया जाना भी कलात्मक ढंग से प्रस्तुत किया गया।
मैना पक्षी के करूण भाव के द्वारा भी भावों और विचारों को अभिव्यक्ति प्रदान की गई है।

प्रश्न 5. आशय स्पष्ट कीजिए
इस प्रकार कवि की मर्मभेदी दृष्टि ने इस भाषाहीन प्राणी की करुण दृष्टि के भीतर उस विशाल मानव-सत्य को देखा है, जो मनुष्य, मनुष्य के अंदर भी नहीं देख पाता।

उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति का आशय यह है कि एक सामान्य व्यक्ति केवल ऊपरी आवरण को ही देख पाता है जबकि कवि अपनी दिल की गहराई को देखने वाली आँखों से मूक-प्राणी की करुणा को पहचान और समझ लेता है। बुद्धिमान होते हुए भी मनुष्य दूसरे मनुष्य के विषय में कुछ भी नहीं जान पाता है। कवि मानव में पाए जाने वाले गुणों को भाषाहीन जंतुओं में ढूढ़ लेता है। कहा भी गया हैं कि जहां न पहुंचे रवि, वहा पहुंचे कवि।

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