NCERT Solution:- Do Bailo Ki Katha Class 9th Chapter 1 of Kshitij Part 1 Book has been developed for Hindi Course. We are going to show Question and Answer with Pdf Files. Our aim to help all students for getting more marks in exams.
Book: | क्षितिज भाग 1 हिंदी |
Chapter: | दो बैलों की कथा |
Writter: | प्रेमचंद |
Class: | 9th |
Board: | Cbse |
Do Bailo Ki Katha Class 9th Hindi Question and Answer With Pdf Files
प्रश्न 1. कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी क्यों ली जाती होगी?
उत्तर: कांजीहौस में कैद पशुओं की हाजिरी इसलिए ली जाती थी क्योंकि वहाँ की दीवारें कच्ची थी और अलग-अलग भाग न जाए या फिर कोई पशु मर न जाए। तरह के पशुओं को उसमें बंद कर रखा था। वहाँ यह भय बना रहता था कि कहीं कोई पशु दीवार को गिराकर
प्रश्न 2. छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया?
उत्तर: छोटी बच्ची गया के भाई भैरो की लड़की थी। उसकी माँ मर चुकी थी और सौतेली माँ उसे बहुत मारती थी। वह बैलों की बुरी दशा देखती है तो उनके प्रति आत्मीयता का भाव उत्पन्न हो जाता है।
प्रश्न 3. कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति-विषयक मूल्य उभर कर आए हैं?
उत्तर: प्रस्तुत कहानी में बैलों के माध्यम से निम्नलिखित नीति-विषयक मूल्य उभर कर आए हैं-
-किसी भी प्राणी को उसके सीधेपन और सहिष्णुता के कारण बेवकूफ नहीं समझना चाहिए।
-नारी का समाज में विशेष स्थान है इसलिए पशु भी उन पर प्रहार करना उचित नहीं मानते।
-प्रत्येक प्राणी को अपने धर्म पर अडिग रहना चाहिए।
-एकजुट होकर बड़ी से बड़ी मुसीबत का समाधान सरलता से किया जा सकता है।
-परास्त हुए शत्रु पर दया भाव रखना चाहिए।
-भलाई का परिणाम हमेशा भला ही होता है।
-विपत्ति के समय ही सच्चे मित्र की पहचान होती है।
-समर्पण भाव प्रत्येक प्राणी को महान बनाता है।
प्रश्न 4. प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की किन स्वभावगत विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति लड़ अर्थ ‘मूर्ख’ का प्रयोग न कर किस नए अर्थ की ओर संकेत किया है?
उत्तर: दो बैलों की कहानी में प्रेमचंद ने बताया है कि गधे को जानवरों में सबसे अधिक मूर्ख समझा जाता है। जब हमें किसी आदमी को सबसे बड़ा मूर्ख कहना होता है, तो उसे ‘गधा’ कहते हैं। लेकिन लेखक का कहना है कि सीधेपन और सहिष्णुता के कारण किसी को मूर्ख मानना उचित नहीं है। दूसरे जानवरों को कभी-कभी क्रोध करते देखा जा सकता है किंतु गधे को ऐसे भाव से सदा दूर ही देखा जाता है। वह वैशाख के महीने को छोड़कर कभी खुश दिखाई नहीं देता। उस पर विवाद का स्थायी भाव देखा जा सकता है। वह सुख-दुख, लाभ-हानि किसी भी दशा में नहीं बदलता। उसमें ऋषियों-मुनियों जैसे गुण चरम सीमा पर देखे जा सकते हैं।
प्रश्न 5. किन घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी?
उत्तर: प्रस्तुत कहानी में अनेक ऐसी घटनाएँ हैं जिनसे हीरा और मोती की गहरी दोस्ती का पता चलता है। उन दोनों में ऐसी गुप्त शक्ति थी कि एक-दूसरे से मूक-भाषा में विचार-विनिमय करते थे। दोनों एक साथ उठते-बैठते। यहाँ तक कि नाँद में भी एक साथ मुँह डालते और हटाते थे। एक बार झूरी का साला गया दोनों बैलों को अपने साथ ले गया। वहाँ वे दोनों सलाह बनाकर रस्सियाँ तोड़कर वापस झूरी के घर पर आ जाते हैं। दूसरे दिन गया उन्हें फिर ले जाता है। वह उन्हें हल में जोतता है तो वे दोनों सलाह बनाकर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाते हैं।
एक बार जब हीरा और मोती गया के घर से भागे तो रास्ते उन्हें एक भयंकर साँड से भिड़ना पड़ा। वहाँ पर उन दोनों ने मिलकर साँड को बुरी तरह परेशान कर दिया और उसे तब तक भगाते रहे जब तक वह बेदम होकर गिर न गया। मटर के खेत में मोती के पकड़े जाने पर हीरा भी यह सोचकर वहाँ आ जाता है कि फंसेंगे तो दोनों ही फँसेंगे
कॉजोहोस में दीवार गिराने का प्रयास करने पर हीरा को डंडे से मारा जाता है और मोटी रस्सी से बाँधा जाता है, तो मोती उस दीवार को गिराता है और वहाँ के पशुओं की भागने में मदद करता है। हीरा जब उसे भी भाग जाने के लिए कहता है तो वह यह कहते हुए “तुम मुझे इतना स्वार्थी समझते हो हौरा?” वहीं होरा के पास आकर सो जाता है। ” एक दढ़ियल आदमी कांजीहौस की निलामी से उन दोनों को खरीदकर ले जाता है। चलते-चलते जब उन्हें रास्ता जाना-पहचाना लगता है तो दोनों मित्र वहाँ से भाग खड़े होते हैं और झरी के घर पर आकर रूकते हैं। दढ़ियल आदमी वहाँ आता है तो मोती उसे भगा देता है।
प्रश्न 6. “लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है, यह भूल जाते हो।”- लेखक ने हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति किस सामाजिक विडंबना को इंगित किया है?
उत्तर: हीरा के उपरोक्त कथन के माध्यम से हमें ज्ञात होता है कि प्रेमचंद नारी को सम्मान की दृष्टि से देखते थे। नारी स्वयं को अनेक रूपों में ढाल कर अपने उत्तरदायित्वों का पूरी निष्ठा से निर्वाह करने वाली है। वह अलग बात है कि परिस्थितिवश उसके स्वभाव में थोड़ा-बहुत परिवर्तन आ जाए तो उसे होन दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। माना कि हमारा समाज पुरुष प्रधान समाज है। फिर भी प्रेमचंद ने नारी को त्याग, श्रद्धा और प्रेम की साकार मूर्ति के रूप में स्वीकार किया है।
प्रश्न 7. किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को कहानी में किस तरह व्यक्त किया गया है।
उत्तर: किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य का घनिष्ठ संबंध होता है। आपसी लगाव के कारण दोनों काएक-दूसरे के बिना रहना दुखदायी हो जाता है। झूरी जब अपने दोनों बैलों हीरा और मोती को अपने से अलग करता है तो वह बड़ा बेचैन होता है और हीरा-मोती भी उसके विषय में उल्टा ही सोचते हैं। लेकिन जब हीरा और मोती भागकर वापस उसके पास आ जाते हैं तो वह बड़ा प्रसन्न होता है। तरह-तरह के दुःख उठाने और बिकने के बाद भी हीरा और मोती अपने पहले मालिक झूरी को छोड़कर कहीं नहीं जाना चाहते हैं। किसान अपने पशुओं को परिवार के सदस्यों के समान स्नेह और देखभाल करता है तो पशु भी उसके आत्मीयता युक्त भाव से स्नेह के बंधन में बंधकर सदैव उसके साथ रहना चाहते हैं।
प्रश्न 8. इतना तो हो ही गया कि नौ दस प्राणियों की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देंगें’-मोती के
उत्तर: इस कथन के आलोक में उसकी विशेषताएँ बताइए। “इतना तो हो ही गया कि नौ-दस प्राणियों की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देंगे’ मोती के इस कथन से हमें पता चलता हैं कि उसमें परोपकार की भावना है। वह निरीह और विपत्ति में फंसे प्राणियों की मदद करने में विश्वास रखता है। वह आशावादी है। उसे विश्वास है कि उसके द्वारा किए गए अच्छे कार्य का परिणाम भी अच्छा ही होगा।
प्रश्न 9. आशय स्पष्ट कीजिए
(क) अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है।
यहाँ प्रेमचंद ने बताया है कि हीरा और मोती मूक भाषा में विचारों का आदान-प्रदान करते थे। वे बिना कुछ कहे एक-दूसरे के भाव और विचार समझ लेते थे। हमेशा साथ साथ रहने के कारण दोनों में गहरी दोस्ती हो गई थी और दोनों ने ही एक दूसरे को अच्छी तरह से जान और समझ लिया था। प्रेम,आत्मीयता और घनिष्ठता के गुणों के बल पर ही वे एक-दूसरे के मन की बात जान लेते थे। यही उनकी
शक्ति थी जिसके कारण श्रेष्ठ जीव मनुष्य भी उनसे पिछड़ गया।
(ख) उस एक रोटी से उनकी भूख तो क्या शांत होती; पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया।
प्रस्तुत पंक्ति का आशय है कि प्रेम और सहानुभूति का सहारा मिलने पर प्राणी बड़े से बड़े दुःख को भी भूल जाता है। जब भैरों की बेटी भूख से व्याकुल हीरा और मोती को एक-एक रोटी खिलाती है तो इस सहानुभूति को पाकर उनकी आत्मा प्रसन्न हो जाती है और आनन्दानुभूति के बल पर स्वयं को तृप्त अनुभव करते हैं।
प्रश्न 10. गया ने हीरा-मोती को दोनों बार सूखा भूसा खाने के लिए दिया क्योंकि
(क) गया पराये बैलों पर अधिक खर्च नहीं करना चाहता था।
(ख) गरीबी के कारण खली आदि खरीदना उसके बस की बात न थी।
(ग) वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुःखी था।
(घ) उसे खली आदि सामग्री की जानकारी न थी।
सही उत्तर के आगे (✓) का निशान लगाइए।
उत्तर: (ग) वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुःखी था।
प्रश्न 13. बस इतना ही काफ़ी है।
फिर मैं भी जोर लगाता हूँ।
ही, भी वाक्य में किसी बात पर जोर देने का काम कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को नियात कहते हैं। कहानी में से पाँच ऐसे वाक्य छाँटिए जिसमें निपात का प्रयोग हुआ हो।
उत्तर:
– अगर वे भी ईंट का जवाब पत्थर से देना सीख जाते, तो शायद सभ्य कहलाते।
-लेकिन गधे का एक छोटा भाई और भी है।
-झूरी काछी के दोनों बैलों के नाम थे हीरा और मोती।
-कभी-कभी दोनों सींग भी मिला लिया करते थे।
-मुझे मारेगा, तो मैं भी एक-दो को गिरा दूँगा।
प्रश्न 14. रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए तथा उपवाक्य छाँटकर उसके भी भेद लिखिए
(क) दीवार का गिरना था कि अधमरे से पड़े हुए जानवर सभी चेत उठे।
मिश्र वाक्य- अधमरे से पड़े हुए सभी जानवर चेत संज्ञा उपवाक्य
(ख) सहसा एक दढ़ियल आदमी, जिसकी आँखे लाल थीं और मुद्रा अत्यंत कठोर, आया।
मिश्र वाक्य – जिसकी आँखें लाल थी और मुद्रा अत्यन्त कठोर विशेषण उपवाक्य
(ग) हीरा ने कहा गया के घर से नाहक भागे।
मिश्र वाक्य-गया के घर से नाहक भागे संज्ञा उपवाक्य
(घ) मैं बेचूँगा, तो बिकेंगे।
मिश्र वाक्य मैं बेचूँगा – संज्ञा उपवाक्य
(ङ) अगर वह मुझे पकड़ता तो मैं बे-मारे न छोड़ता।
मिश्र वाक्य अगर वह मुझे पकड़ता परिणामवाची क्रिया विशेषण उपवाक्य
प्रश्न 15. कहानी में जगह-जगह मुहावरों का प्रयोग हुआ है। कोई पाँच मुहावरे छाँटिए प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
ईंट का जवाब पत्थर से देना दृढ़ता से शत्रु का मुकाबला करना शत्रु सेना के हमला करने पर हमारी सेना ने ईंट का जवाब पत्थर से दिया।
नौ-दो ग्यारह होना- भाग जाना चोर सिपाही को देखकर नौ-दो ग्यारह हो गया।
दाँतों पसीना आना- बुरी तरह तंग होना मस्त हाथी को वश में करते समय महावत के दाँतों पसीना आ गया।
गद्गद होना- खुश होना -अपने खोए बेटे को पाकर माँ गद्गद हो गई।
प्राण निकलना – मर जाना – हे राम! कहते ही महात्मा गाँधी के प्राण निकल गए।
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