NCERT Solutions:- The Kshitij Part 1 book of Class 9th Students has been developed for Hindi Core Course. We are going to Provide you all Questions and Answers with pdf of Chapter 4 Sawale Sapano Ki Yad Written by Premchand.
Book: | क्षितिज भाग 1 हिंदी |
Chapter: | सॉवले सपनो की याद |
Writter: | प्रेमचंद |
Class: | 9th |
Board: | Cbse |
Sawale Sapano Ki Yad Class 12 Question Answers
प्रश्न 1. किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया और उन्हें पक्षी प्रेमी बना दिया?
उत्तर: बचपन के दिनों में सालिम अली की एयरगन से घायल ओकर गिरने वाली नीले कंठ की गौरैया पक्षी को घटना ने उनके जीवन की दिशा को बदल दिया और उन्हें पक्षी प्रेमी बना दिया।
प्रश्न 2. सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से संबंधित किन संभावित खतरों का चित्र खींचा होगा कि जिससे उनकी आँखें नम हो गई थीं?
उत्तर: सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के सामने पर्यावरण से संबंधित संभावित खतरों के विषय में बताया होगा कि रेगिस्तानी हवा के झोंके केरल की ‘साइलेंट वैली’ के परिवेश का बदल डालेंगी। यदि ऐसा हुआ तो वहाँ रहने वाले असंख्य पक्षियों के जीवन को खतरा उत्पन्न हो जाएगा। अतः उसके बचाव के उचित प्रबंध किए जाएँ। सालिम अली के प्रकृति और पक्षी-प्रेम को देखकर ही उनकी आँखें नम हो गई होंगी।
प्रश्न 3. लॉरेंस की पत्नी फ्रीडा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि “मेरी छत पर बैठने वाली गोरैया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है। “?
उत्तर: डी.एच. लॉरेंस की मौत के बाद जब लोगों ने उनकी पत्नी से अनुरोध किया कि वे अपने पति के विषय मेंकुछ लिखे। तो उन्होंने कहा कि मेरे लिए लंरिंस के विषय में कुछ भी लिखना असंभव लगता है। उनका पूरा जीवन एक खुली किताब के समान था। वे एक सादा-दिल और स्नेही व्यक्ति थे। उनके जीवन से संबंधित कोई भी बात छुपी हुई नहीं है। उन्हें ऐसा लगता है कि छत पर बैठी गौरैया भी उन दोनों के विषय में उनसे अधिक जानती होगी।
प्रश्न 4. आशय स्पष्ट कीजिए
(क) वो लॉरेंस की तरह, नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए थे।
उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति में सालिम अली के प्रकृति प्रेम के विषय में बताया गया है। जिस प्रकार अंग्रेजी के प्रसिद्ध उपन्यासकार डी. एच. लॉरेंस का प्रकृति से गहरा लगाव था और उनका मानना था कि हमें प्रकृति की और लौटना चाहिए ठीक उसी प्रकार सालिम अली भी प्रकृति से गहरा लगाव रखते थे। उन्होंने प्रकृति संबंधी अनेक नए रास्तों को खोजा। यही कारण है कि वे लॉरेंस की तरह स्वाभाविक जीवन का प्रतिरूप बन गए थे।
(ख) कोई अपने जिस्म को हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा।
उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति का अभिप्राय है कि जिस तरह कोई वन-पक्षी अपना अंतिम गीत गाकर मर जाता है। और प्रकृति में विलीन हो जाता है, उसे शरीर को गर्मी और हृदय की धड़कन देकर भी जीवित नहीं किया जा सकता है, उसी तरह सालिम अली भी अपने जीवन के लंबे सफर के बाद अपने सभी सपनों को छोड़कर इस संसार से विदा हो गए। उन्हें किसी भी तरह से दुबारा जीवित करना असम्भव है।
(ग) सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाए अथाह सागर बनकर उभरे थे।
उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति का आशय है कि सालिम अली ने अपने भ्रमणशील स्वभाव के कारण प्रकृति और आणी जगत को बहुत ही बारिकी से जाना और समझा था। उनका अनुभव एक टापू की भाँति सीमित और दिखावा न बनकर समुद्र के समान गहराई को लिए हुए था।
प्रश्न 5. इस पाठ के आधार पर लेखक की भाषा-शैली की चार विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: ‘साँवले सपनों को याद’ पाठ के आधार पर लेखक की भाषा-शैली की चार विशेषताएँ इस प्रकार हैं
-उन्होंने हिंदी के साथ साथ उर्दू के शब्दों का अत्यधिक प्रयोग किया है।
-वर्ड बाचर, साइलेट वैली जैसे अंग्रेजी शब्दों का प्रसंगानुसार प्रयोग किया है।
-भाषा वेगवती नदी की तरह बहती हुई प्रतीत होती है। – -भावाभिव्यक्ति की शैली दिल को छूती है।
प्रश्न 6. इस पाठ में लेखक ने सालिम अली के व्यक्तित्व का जो चित्र खींचा है उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: लेखक जाबिर हुसैन ने सालिम अली के व्यक्तित्व का चित्र खींचते हुए बताया है कि सालिम अली प्रकृति को प्रकृति की नजर से देखते थे। सुख-दुःख के समन्वय से युक्त जीवन अनुभव को गहनता को लिए हुए थे। उम्र ज्यादा होने के कारण शरीर दुबला हो गया था किंतु आँखों की रोशनी ज्यों-की-त्यों थी। उन्होंने अपने लिए कड़ी मेहनत से प्रकृति की हँसती खेलती दुनिया को अपनाया था। वे एकांत क्षणों में दूरबीन लेकर प्रकृति को निहारते रहते थे। अपने अनुभवों के बल पर उन्हें प्रकृति और प्राणियों के संरक्षण की चिंता रहती थी। पक्षियों से उन्हें विशेष लगाव था। वे स्वाभाविक जीवन से जुड़े व्यक्तित्व थे। पक्षियों के विषय में नई नई जानकारियाँ पाने की इच्छा ने उन्हें भ्रमणशील और यायावर बना दिया था। निष्कर्ष है कि सालिम अली प्रकृति-प्रेमी, पक्षी-प्रेमी और अपना सम्पूर्ण जीवन प्रकृति की खोज के नए-नए रास्तोंपर समर्पित करने वाले व्यक्ति थे।
प्रश्न 7. साँवलो सपनों की याद शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर: प्रत्येक रचना का अपना एक शोषक होता है और वह शीर्षक उसको कथा वस्तु या भाव पर निर्भर होता है। प्रस्तुत संस्मरण लेकर जाबिर हुसैन ने मालिम अली की मृत्यु से उत्पन्न दुख और अवसाद को व्यक्त करने के लिए लिखा है। उनको दुखद स्मृति अब धुंधलं सपने के समान लगती है। अतः ‘सविल सपना की याद’ शीर्षक पूर्णत: सार्थक है।
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