NCERT Solutions:- The Kshitij Part 1 book of Class 9th Students has been developed for Hindi Core Course. We are going to Provide you all Questions and Answers with pdf of Chapter 2 Lhasa Ki Aur Written by Rahul Sankrityayan.
Book: | क्षितिज भाग 1 हिंदी |
Chapter: | ल्हासा की ओर पाठ |
Writter: | राहुल सांकृत्यायन |
Class: | 12th |
Board: | Cbse |
Lhasa Ki Aur Chapter Class 12 Question Answers
प्रश्न 1. थोङ्ला के पहले के आखिरी गाँव पहुँचने पर भिखमंगे के वेश में होने के बावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका। क्यों?
उत्तर: थोङ्ला से पहले के आखिरी गाँव पहुँचने पर भिखमंग के वेश में होने के बावजूद भी लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला क्योंकि उनके साथ मंगोल भिक्षु सुमति था, जिनकी वहाँ अच्छी जान-पहचान थी। श्रद्धा भाव के कारण लोगों ने उनके ठहरने का उचित प्रबन्ध किया किंतु पाँच साल बाद वे भद्र यात्री के वेश में घोड़ों पर सवार होकर उसी रास्ते से आए तो लोगों ने किसी अनिष्ठ के होने की आशंका से उन्हें ठहरने के लिए स्थान नहीं दिया।
प्रश्न 2. उस समय के तिब्बत में हथियार का कानून न रहने के कारण यात्रियों को किस प्रकार का भय बना रहता था?
उत्तर: उस समय तिब्बत में हथियारों का कानून न होने के कारण लोग लाठी की जगह पिस्तौल और बंदूक लेकर घूमते थे। दुर्गम घाटियों और हथियारों के कानून के न होने पर डकैत राह चलते लोगों को पहले मारते थे और बाद में उसकी तलाशी लेते थे। हर समय लोगों को अपने प्राणों पर खतरा मँडराता दिखाई देता था।
प्रश्न 3. लेखक लङ्कोर के मार्ग में अपने साथियों से किस कारण पिछड़ गया?
उत्तर: लेखक लङ्कोर के मार्ग में दो कारणों से अपने साथियों से पिछड़ गया था। एक तो यह कि वह जिस घोड़े पर सवार था वह बहुत धीरे चल रहा था। लेखक ने समझा कि थकावट के कारण वह धीमे चल रहा है। जिस कारण उन्होंने उसको मारना उचित नहीं समझा और बहुत पीछे रह गया। दूसरा कारण यह कि एक जगह पर दो रास्ते निकल रहे थे। लेखक एक रास्ते पर चलता है और काफी दूर जाने पर उसे पता चलता है कि उसे तो दूसरे रास्ते पर जाना था। वह वहाँ से वापस आकर दूसरे रास्ते को अपनाता है और बहुत देर के बाद अपने साथियों के पास पहुँचता है।
प्रश्न 4. लेखक ने शेकर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका परंतु दूसरी बार रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया?
उत्तर: लेखक ने शेकर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से इसलिए रोका क्योंकि वह अकेला रह जाता, परंतु दूसरी बार जाने से रोकने का प्रयास उन्होंने नहीं किया क्योंकि जिस मंदिर में वे बैठे थे वहाँ बुद्ध वचन- अनुवाद की हस्तलिखित 103 पोथियाँ थी और लेखक अध्ययन करके उनके विषय में जानना चाहता था। इसलिए उन्होंने उसे जाने से नहीं रोका।
प्रश्न 5. अपनी यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?
उत्तर: अपनी तिब्बत यात्रा के दौरान लेखक को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस समय भारतीयों को तिब्बत यात्रा की अनुमति नहीं थी इसलिए लेखक को भिखारी का छद्म वेशधारण करना पड़ा। ल्हासा की ओर जाने वाले दुर्गम रास्तों पर चलना पड़ा। ऊँची और खतरनाक जगहों को पार करना पड़ा। तिब्बत की कड़ी धूप और बरफ की ठंड का सामना किया। पीठ पर अपना समान ढोना पड़ा।
प्रश्न 6. प्रस्तुत यात्रा-वृत्तांत के आधार पर बताइए कि उस समय का तिब्बती समाज कैसा था?
उत्तर: ‘ल्हासा की ओर’ यात्रा वृतांत के आधार हमें उस समय के तिब्बती समाज का पता चलता है कि वहाँ सभ्यएवं समर्पित समाज था। जाति-पाँति, छुआछूत जैसी सामाजिक बुराइयाँ नहीं थी। औरतों के लिए परदा करने जैसा बंधन भी नहीं था। औरतों तक में विश्वास और आतिथ्य प्रेम का भाव था। सर्वथा अपरिचित व्यक्ति को भी खाने-पीने की वस्तुएँ बनाकर दे दी जाती थी। कानून व्यवस्था न होने के कारण लोग खुले आम हथियार लेकर घूमते थे और किसी का खून करने तक में नहीं हिचकते थे। समाज में अन्धविश्वास व्याप्त था इसीलिए लोग भिक्षुओं और उनके द्वारा बनाए गए गंडों को पाना चाहते थे। जागीरदारी प्रथा थी। जागीरदार स्वयं खेती करते थे। रोजगार न होने के कारण मजदूर भी सस्ते मिल जाते थे। समाज में आपसी मेल की भावना थी।
प्रश्न 7. मैं अब पुस्तकों के भीतर था। नीचे दिए गए विकल्पों में से कौन-सा इस वाक्य का अर्थ बतलाता है
(क) लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया।
(ख) लेखक पुस्तकों की शैल्फ़ के भीतर चला गया।
(ग) लेखक के चारों ओर पुस्तकें ही थीं।
(घ) पुस्तक में लेखक का परिचय और चित्र छपा
उत्तर: (क) लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया।
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