NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 9 रुबाइयां, गजल [2022]

NCERT Solutions:- आरोह भाग 2 विषय कक्षा 12 के पाठ्यपुस्तक का पहला पाठ  जिसका नाम “रुबाइयां, गजल” है जिसे भारत देश के महान काव्य लेखक फिराक गोरखपुरी जी ने लिखा था। इस पाठ में दिये गए सभी प्रश्न बहोत ही सरल और आसान है जिसे Class 12 का कोई भी बच्चा आसानी से याद रख सकता है। Rubaiya, Gajal Chapter 9 के Question & Answers को नीचे लिखा गया है जिसे आप अपने NoteBook कॉपी में लिख सकते है। 

पुस्तक:आरोह भाग दो
कक्षा:12
पाठ:9
शीर्षक:रुबाइयां, गजल
लेखक:फिराक गोरखपुरी

Ncert Aaroh Book Chapter 9 Class 12 Questions & Answers Solutions

Question1. शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह कहकर क्या भाव व्यंजित करना चाहता है?

उत्तर- सावन मास में काली घटाओं के बीच चमकती हुई बिजली मुद्रा में भी अनेक भावनाओं का संचार कर देती है। शायर को राखी के लच्छे में बिजली की चमक दिखाई पड़ती है। जो भाई-बहन के प्रेम में आई हुई शिथिलता को नष्ट करके उसमें नए उत्साह और उल्लास का संचार करती है। क्योंकि सावन का जो संबंध घटा से है- घटा का जो संबंध बिजली से है वही संबंध भाई का बहन से है।

Question2. खुव का परदा खोलने से क्या आशय है?

उत्तर- मनुष्य का स्वभाव है कि अपनी बुराई वा कमजोरी को छुपाता है तथा दूसरों की कमजोरी व दुर्गुण को उजागर
करके खुशी का अनुभव करता है। उस समय वह इस बात को भूल जाता है कि पर निन्दा करके वह अपना (बुराई करने की बुरी आदत के कारण) रहस्य स्वयं ही दूसरे के सामने प्रकट कर रहा है। दूसरे का परदा खोलने का सीधा सा अर्थ होता है कि हम स्वयं अपना परदा खोलने में लगे हुए हैं। चुगली करने को हमारी बुरी आदत बिना बताए ही दूसरे के सामने प्रकट हो जाती है।

3. किस्मत हमको रो लेवे है हम किस्मत को रो ले हैं- इस पंक्ति में शायर की किस्मत के साथ तनातनी का रिश्ता अभिव्यक्त हुआ है। चर्चा कीजिए।

उत्तर- भाग्य पुरुषार्थ से बनता है। पुरुषार्थहीन मनुष्य भाग्य के सहारे सब कुछ पाने की आशा रखते हैं लेकिन जब मुफ्त में कुछ प्राप्त नहीं होता तो वह अपनी किस्मत पर रोता है कि उसे भाग्य के प्रताप से कुछ प्राप्त नहीं हुआ। भाग्य उस कर्महीन व्यक्ति पर रोता है कि क्यों यह व्यक्ति मेहनत नहीं करता। भाग्य हमारे पूर्वजन्म के कर्मों का नहीं बल्कि वर्तमान प्रयासों के फल का दूसरा नाम है। वर्तमान में बिना पुरुषार्थ के कुछ भी प्राप्त करना सम्भव नहीं है। ऐसी स्थिति में भाग्य और व्यक्ति दोनों एक दूसरे पर रोने के अतिरिक्त कुछ नहीं कर सकते और दोनों में तनातनी चलती रहती है।

टिप्पणी करें

(क) गोदी के चाँद और गगन के चाँद का रिश्ता।
(ख) सावन की घटाएँ व रक्षाबंधन का पर्व ।

उत्तर

(क) गगन के चाँद और गोदी के चाँद अर्थात पुत्र में गहरी समानता है। गगन का चाँद रात्री के अधकार का नाश करके उसे शीतलता प्रदान करता है। गोदी का चाँद उसकी माँ के मन में सूनेपन को समाप्त करके उसे वात्सल्य रूपी शीतलता प्रदान करता है। मनुष्य प्रकृति के सामने खिलौने से अधिक कुछ भी नहीं है, इसी प्रकार गोदी का चाँद यानि बच्चा भी गगन के चाँद को एक खिलौना समझकर उससे खेलने की जिद्द करता है। दादी माँ की कहानियों में गगन के चाँद को गोदी के चाँद का मामा माना गया है- चंदा मामा एक प्राकृतिक सौन्दर्य है तो दूसरा मानवीय सौन्दर्य।

(ख) सावन मास में वर्षा ऋतु होती है। आसमान में छाई हुई काली घटाओं से सारा वातावरण मदहोशी से भर जाता है।

रक्षा बंधन पर्व के समय भाई बहन के प्रेम की महक सारे वातावरण को खुशी और उल्लास से परिपूर्ण कर देती है। काली घटाओं से हर समय वर्षा की उम्मीद होती है। रक्षाबंधन भाई और बहन के प्रेम का पर्व है। जैसे भाई, बहन को उसकी रक्षा का वचन देता है, वैसे ही सावन की घटाओं की प्यार की वर्षा के बिना भी जीवन अधूरा है। सावन की घटाएँ भी मानव जीवन की रक्षा का वचन देती है।

NCERT Solutions को बच्चो को ध्यान में देते हुए बनाए गए हैं ताकि उन्हें किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े और वे सभी Students अपने परीक्षा परिणाम में अच्छे अंक ला के अपने जीवन को सफल बना पाए मुझे आप के ऊपर पूरा विश्वास है कि आप सभी अपने परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करेंगे।

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