NCERT Solutions:- आरोह भाग 2 विषय कक्षा 12 के पाठ्यपुस्तक का पहला पाठ जिसका नाम “संघर्ष स्वीकारा है” है जिसे भारत देश के महान काव्य लेखक श्री शमशेर बहादुर सिंह ने लिखा था। इस पाठ में दिये गए सभी प्रश्न बहोत ही सरल और आसान है जिसे Class 12 का कोई भी बच्चा आसानी से याद रख सकता है। Sangharsh Swikara Hein Chapter 5 के Question & Answers को नीचे लिखा गया है जिसे आप अपने NoteBook कॉपी में लिख सकते है।
पुस्तक: | आरोह भाग दो |
कक्षा: | 12 |
पाठ: | 5 |
शीर्षक: | सहर्ष स्वीकार है |
लेखक: | गजानन माधव मुक्तिबोध |
Ncert Aaroh Book Chapter 5 Class 12 Questions & Answers Solutions
Question1. टिप्पणी कीजिए-
गरबीली गरीबी, भीतर की सरिता, बहलाती सहलाती आत्मीयता, ममता के बादल ।
उत्तर
(क) गरबीली गरीबी- गरीबी का अर्थ प्राय: अभिशाप समझा जाता है परन्तु कवि गरीबी को गरबीली मानता है क्योंकि उसका विचार है कि जिस प्रकार भूखा रहकर ही भोजन के सही स्वाद का पता चलता है उसी प्रकार ऐश्वर्य एवं अमीर बनने का सच्चा सुख किसी गरीब को ही हो सकता है। इसलिए कवि गरीब होने पर भी गर्व महसूस करता है और दुख में भी विपत्तियों को खुशी-खुशी स्वीकार करता है।
(ख) भीतर की सरिता- कवि का विचार है कि विभिन्न प्रकार के विचारों व भावों का स्रोत मन ही है। जब अन्तर्मन
से यह मौलिक विचार उठकर संसार में प्रवाहित होते हैं तो कवि ने इन विचारों के प्रवाह को ही एक नदी के समान
कहा है।
(ग) बहलाती-सहलाती आत्मीयता- अपनेपन की अति मोह का कारण बनती है और इस मोह के कारण ही व्यक्ति अपने आपको बन्धन में बन्धा हुआ महसूस करता है और यही अपनापन उसे बहला-फुसलाकर अपने जाल में फंसाए रखता है।
(घ) ममता के बादल- दृढ़ता व कठोरता हमारे समाज बड़े मानव मूल्य माने जाते हैं और ममता को इन मूल्यों के विपरीत मानव विकास के लिए बाधक माना जाता है। जैसे बादल सूर्य के तेज को कम कर देते हैं उसी प्रकार ममता रूपी बादल व्यक्ति के तेज को नष्ट (कुन्द) कर देते हैं।
Question2. इस कविता में और भी टिप्पणी योग्य पद-प्रयोग हैं। ऐसे किसी एक प्रयोग का अपनी ओर से उल्लेख कर उस घ टिप्पणी करें।
उत्तर- इस कविता का शीर्षक ‘सहर्ष स्वीकारा हैं’ ही एक टिप्पणी करने योग्य महत्त्वपूर्ण पद है। इसमें दो शब्द है सहर्ष व स्वीकारा। सहर्ष का अर्थ है खुशी खुशी और स्वीकारा का अर्थ है स्वीकार करना। इस कविता से हमें यह संदेश मिलता है कि हमें जीवन के सुख दुख,संघर्ष-अवसाद, हार-जीत तथा कोमल-कठोर सभी प्रकार की स्थितियों में एक समान भाव बनाए रखना चाहिए और सभी परिस्थितियों का सामना करने के लिए खुशी-खुशी तैयार रहना चाहिए।
Question3. व्याख्या कीजिए-
जाने क्या रिश्ता है, जाने क्या नाता है
जितना भी उड़ेलता हूँ, भर-भर फिर आता है
दिल में क्या झरना है?
मीठे पानी का सोता है
भीतर वह ऊपर तुम
मुसकाता चाँद ज्यों धरती पर रात भर
मुझ पर त्यों तुम्हारा ही खिलता वह चेहरा है।
उपर्युक्त पंक्तियों की व्याख्या करते हुए बताइए कि यहाँ कवि चाँद की तरह आत्मा पर झुका चेहरा भूलकर अंधकार अमावस्या में नहाने की बात क्यों की गई है?
उत्तर- कवि के अनुसार दुखों को अनुभव करना भी जीवन के लिए आवश्यक है। यहाँ चाँद की तरह आत्मा पर झुका चेहरा कोमल भावनाओं व स्मृतियों का प्रतीक है। कवि इनके मोह में न फंसकर जीवन की वास्तविकताओं और कठोर भावों (विचारों) का सामना करना चाहता है। यहाँ कवि स्मृतियों के मोह रूपी प्रकाश से निकलकर विस्मृतियों के अन्धकार में खो जाना चाहता है अपने आपको अन्धकार में विलीन कर लेना चाहता है। इस कारण कवि चाँद की तरह आत्मा पर झुका चेहरा भूलकर अधकार अमावस्या में नहाना चाहता है। कवि के अनुसार दुखों व कष्टों का सामना करे बिना जीवन के सुखों का प्रकाश प्राप्त नहीं किया जा सकता।
(क) यहाँ अंधकार अमावस्या के लिए क्या विशेषण इस्तेमाल किया गया है और उससे विशेष्य में क्या अर्थ जुड़ता है?
उत्तर- अधकार अमावस्या के लिए ‘दक्षिण ध्रुवी’ विशेषण का प्रयोग किया गया है। यह अन्धकार की सघनता
को और अधिक गहन कर देता है।
(ख) कवि ने व्यक्तिगत संदर्भ में किस स्थिति को अमावस्या कहा है?
उत्तर- कवि ने मधुर व कोमल स्मृतियों को भूलने की क्रिया को अंधकार अमावस्या कहा है जब वह प्रकाश रूपी स्मृतियों को छोड़ अमावस्या रूपी विस्मृतियों में खो जाना चाहता है।
(ग) इस स्थिति से ठीक विपरीत ठहरने वाली कौन-सी स्थिति कविता में व्यक्त हुई है? इस वैपरीत्य को व्यक्त करने वाले शब्द का व्याख्यापूर्वक उल्लेख करें।
उत्तर- इस भूलने की स्थिति के विपरीत कवि अपनी दिवंगता प्रेरणा स्रोत की यादों में खोया हुआ है। अन्धकार
अमावस्या के विपरीत मुस्कुराता चाँद शब्द का प्रयोग कवि ने किया है। मुस्कुराते चाँद में कवि उस प्रेरणा स्रोत की मधुर, कोमल, सुखमय, शीतल भावनाओं को मन में संजोए हुए है।
(घ) कवि अपने संबोध्य (जिसे कविता संबोधित है। कविता का ‘तुम’) को पूरी तरह भूल जाना चाहता है, इस बात को प्रभावी तरीके से व्यक्त करने के लिए क्या युक्ति अपनाई है? रेखांकित अंशों को ध्यान में रखकर उत्तर दें।
उत्तर- कवि यहाँ अपने संबोध्य को भूलने के लिए विस्मृतियों के अन्धकार में अपने आपको खो देना चाहता है। वह विस्मृतियों की गहनता को अपने शरीर, चेहरे, मन-मस्तिष्क पर काली अमावस्या के समान ग्रहण कर लेना चाहता है। उसको सहन कर उसे डूबकर नहाना चाहता है। कवि अपनी संबोध्य के मधुर व कोमल स्मृतियों को छोड़कर जीवन के दृढ़ व कठोर अनुभवों में खो जाने के लिए तैयार हैं।
Question5. बहलाती सहलाती आत्मीयता बरदाश्त नहीं होती है और कविता के शीर्षक सहर्ष स्वीकारा है में आप कैसे अंतर्विरोध पाते हैं। चर्चा कीजिए।
उत्तर- कवि इन पंक्तियों में एक ओर तो अपनेपन की मधुर व कोमल भावनाओं को सहन नहीं कर पा रहा है उन्हें स्वीकार नहीं करना चाहता और दूसरी ओर कविता के शीर्षक में सब कुछ खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया है इस बात को स्पष्ट करना चाहता है। जो कि अपने आप एक-दूसरे का अंतर्विरोध करते हैं यदि कवि सब कुछ स्वीकार करता है तो बहलाती सहलाती आत्मीयता क्यों नहीं स्वीकार कर पा रहा? इस प्रकार यह एक विरोधाभास भाव को स्पष्ट करती है।
कविता के आस-पास
Question1. अतिशय मोह भी क्या त्रास का कारक है? माँ का दूध छूटने का कष्ट जैसे एक जरूरी कष्ट है, वैसे ही कुछ और जरूरी कष्टों की सूची बनाएँ। उत्तर- हाँ अतिशय मोह भी त्रास (दुख) का कारक होता है। माँ का दूध छूटने का कष्ट जैसे एक जरूरी कष्ट है, वैसे ही बच्चे का स्कूल जाने का कष्ट एक जरूरी कष्ट है, और कविता में प्रयुक्त दिवंगत प्रियजन को भुलाने का कष्ट भी एक जरूरी कष्ट है।
Question2. ‘प्रेरणा’ शब्द पर सोचिए। उसके महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए जीवन के वे प्रसंग याद कीजिए जब माता-पिता, दीवी-भैया, शिक्षक या कोई महापुरुष / महानारी आपके अँधेरे क्षणों में प्रकाश भर गए।
उत्तर- अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।
Question3. ‘भय’ शब्द पर सोचिए। सोचिए कि मन में किन-किन चीजों का भय बैठा है? उससे निबटने के लिए आप क्या करते हैं और कवि की मनःस्थिति से अपनी मनः स्थिति की तुलना कीजिए।
उत्तर- अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।
NCERT Solutions को बच्चो को ध्यान में देते हुए बनाए गए हैं ताकि उन्हें किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े और वे सभी Students अपने परीक्षा परिणाम में अच्छे अंक ला के अपने जीवन को सफल बना पाए मुझे आप के ऊपर पूरा विश्वास है कि आप सभी अपने परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करेंगे।