NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aaroh Chapter 12

NCERT Solutions:- आरोह भाग 2 विषय कक्षा 12 के पाठ्यपुस्तक का पहला पाठ  जिसका नाम “बाजार दर्शन” है जिसे भारत देश के महान काव्य लेखक जैनेंद्र वर्मा जी ने लिखा था। इस पाठ में दिये गए सभी प्रश्न बहोत ही सरल और आसान है जिसे Class 12 का कोई भी बच्चा आसानी से याद रख सकता है। Bazar Darshan Chapter 12 के Question & Answers को नीचे लिखा गया है जिसे आप अपने NoteBook कॉपी में लिख सकते है। 

पुस्तक:आरोह भाग दो
कक्षा:12
पाठ:12
शीर्षक:बाजार दर्शन
लेखक:जैनेंद्र वर्मा

Ncert Aaroh Book Chapter 12 Class 12 Questions & Answers Solutions



1.बाज़ार का जादू चढ़ने और उतरने पर मनुष्य पर क्या-क्या असर पड़ता है?

उत्तर- बाजार का जादू चढ़ने पर मनुष्य अनावश्यक वस्तुओं का संग्रह करने लगता है। इन अधिकाधिक वस्तुओं के संग्रह से मनुष्य समाज में अकेला पड़ने लगता है। इससे झूठ, कपट, धोखा बढ़ता है। व्यक्ति जादू के इस सम्मोहन में अपनी विवेक शक्ति खो देता है। लेकिन जब यह जादू उतरता है, तो व्यक्ति संयमशील हो जाता है। वह केवल अपनी जरुरत का सामान खरीदने बाजार में जाता है और शैतान के जाल में अपने आप फंसने से बचाता है। चाह और तृष्णा समाप्त हो जाती है और व्यक्ति शांति से अपना जीवन व्यतीत कर लेता है।

2.बाजार में भगत जी के व्यक्तित्त्व का कौन-सा सशक्त पहलू उभरकर आता है? क्या आपकी नज़र में उनका आचरण समाज में शांति स्थापित करने में मददगार हो सकता है?

उत्तर- भगत जी केवल अपनी जरूरत के अनुसार कमाते हैं तथा उसे खर्च करते हैं। उनमें संचय की प्रवृत्ति नहीं है, उनका अपने मन पर नियन्त्रण है। भगत जी का यह आचरण हमारे समाज में शांति स्थापित करने में मददगार हो सकता है। दिखावे की प्रवृत्ति समाज में अंसतोष, कपट, शोषण को बढ़ाती है। पैसे की ‘पावर’ बाजार में व्यंग्य शक्ति का पोषण करती है। व्यक्ति जब जरूरत से ज्यादा अनावश्यक वस्तुएँ अपने आस-पास इक्ट्ठी कर लेता है, तो उसका समाज से लगाव हट जाता है। व्यक्ति असंयमी हो जाता है। इन सभी परिस्थितियों में भगत जी का व्यक्तित्व समाज के लिए अनुकरणीय है और शांति स्थापना में सहायक सिद्ध होगा।

3.’बाजारूपन’ से क्या तात्पर्य है? किस प्रकार के व्यक्ति बाज़ार को सार्थकता प्रदान करते हैं अथवा बाजार की
सार्थकता किसमें है?

उत्तर- बाजारूपन का तात्पर्य है- दिखावा, बनावटीपन बाजार का नियम है- ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाना, अधिक सामान बेचना। यह सब उसकी चमक-दमक पर निर्भर करता। ग्राहक को अपने सम्मोहन के जादू में बांधकर उसकी जेब खाली करना ही बाजार का कायदा है। इसी का दूसरा नाम है बाजारूपन जो व्यक्ति बाजार रूपी शैतान के जाल में नहीं फसते वे भगत जी की तरह अपनी आवश्यकताओं के अनुसार खरीददारी करते हैं। जो व्यक्ति ‘पैसे की पावर’ से अप्रभावित रहते हैं, वे ही व्यक्ति बाजार को सार्थकता प्रदान कर सकते हैं। बाजार व्यक्तियों के लाभ के लिए होता है, उनकी आवश्यकताओं के आदान-प्रदान का माध्यम होता है। जहाँ छल कपट, दिखावा और शोषण न हो। बाजार व्यक्ति के लिए हो; व्यक्ति बाजार के लिए न हो। व्यक्ति बाजार में अपनी आवश्यकता पूर्तिके लिए जाए न कि अपनी जेब खाली करके अनावयश्क और दिखावटी वस्तुएँ घर पर इक्टठी कर ले। तभी बाजार और • व्यक्ति दोनों सार्थक और एक दूसरे के सहायक सिद्ध हो सकते हैं।

4.बाज़ार किसी का लिंग, जाति-धर्म या क्षेत्र नहीं देखता; वह देखता है सिर्फ उस की क्रय शक्ति को इस रूप में
वह एक प्रकार से सामाजिक समता की भी रचना कर रहा है। क्या आप इससे सहमत हैं? और सामाजिक मूल्यों की बात करना बकार है। इनके जीवन की सार्थकता तो केवल पैसे और उसकी पावर में निहित है। हम इस बात से सहमत नहीं है कि बाजार एक जैसी क्रय शक्ति वाले लोगों में सामाजिक समता की रचना कर रहा है।

5. आप अपने तथा समाज से किन्हीं दो ऐसे प्रसंगों का उल्लेख करें ( क ) जब पैसा शक्ति के परिचायक के रूप में प्रतीत हुआ। (ख) पैसे की शक्ति काम नहीं आई।

उत्तर

(क) व्यक्ति जब कोई भी नई और ऐशो आराम की वस्तु खरीदता है, तो समाज उस व्यक्ति के पैसे को उसकी पावर मानता है। व्यक्ति जितनी महंगी और बड़ी वस्तु खरीदता है समाज में उसका कद उतना ही बढ़ा हुआ माना जाता है। पैसा शक्ति का परिचाय बन जाता है।

(ख) पैसे से आप इस संसार की कोई भी वस्तु खरीद सकते हैं, लेकिन जब बात किसी का विश्वास और प्रेम प्राप्त
करने की आती है या किसी व्यक्ति के ईमान और सिद्धात खरीदने की आती है तो उस समय अधिकतर पैसे की
शक्ति काम नहीं आती है। क्योंकि प्यार को प्यार तथा विश्वास को विश्वास से ही प्राप्त किया जा सकता है, पैसे
से नहीं।

NCERT Solutions को बच्चो को ध्यान में देते हुए बनाए गए हैं ताकि उन्हें किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े और वे सभी Students अपने परीक्षा परिणाम में अच्छे अंक ला के अपने जीवन को सफल बना पाए मुझे आप के ऊपर पूरा विश्वास है कि आप सभी अपने परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करेंगे।

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