मेरी कल्पना का आदर्श समाज पाठ सारांश | meri kalpana ka adarsh samaj Class 12 Summary In Hindi

Ncert Books के सभी Chapters को बच्चो को पड़ना और समझना चाहिए क्योंकि जब बच्चे पाठ को ध्यान से पड़ेंगे तो उन्हें उस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी मिलेगी। सीबीएसई बोर्ड के एनसीईआरटी किताब “आरोह भाग दो” कक्षा बारवी के भक्तिन पाठ का सारांश यानी Summary Of meri kalpana ka adarsh samaj Class 12 दिया गया ताकि आसानी से पाठ याद रहे।

Hindi Class 12 Chapter 18 meri kalpana ka adarsh samaj Summary in Hindi

मेरी कल्पना का आदर्श समाज’ शीर्षक में लेखक ने पूर्व शीर्षकमवभाजन और जाति प्रथा’ के वर्णित समस्या जाति प्रथा से उत्पन्न कुप्रभावों का उपाय (निदान) प्रस्तुत किया है। लेखक के अनुसार एक आदर्श समाज स्वतन्त्रता, समता और भ्रातृता पर आधारित होगा। यहाँ स्वतन्त्रता का अर्थ है अपने व्यवसाय चुनने की स्वतन्त्रता। जिसमें अरुचि और विवशता का स्थान नहीं हो। स्वाधीनता का अर्थ केवल गमनागमन की स्वाधीनता, जीवन तथा शारीरिक सुरक्षा तक सीमित नहीं

चाहिए। समाज में भाई-चारे के लिए आवश्यक है कि व्यक्ति का सामाजिक जीवन में अबाध संपर्क के अनेक साधन व अवसर उपलब्ध हों। दूध-पानी के मिश्रण की तरह भाई-चारे का दूसरा नाम है लोकतंत्र। सामूहिक जीवन चर्या ऐसी होनी चाहिए जिसमें समाज के मिले-जुले अनुभवों का आदान-प्रदान हो सके।


इस अंश में लेखक समता के महत्व पर प्रकाश डाला है। मनुष्य की क्षमता तीन बातों पर निर्भर करती है- शारीरिक वंश परम्परा, सामाजिक उत्तराधिकार तथा व्यक्ति के अपने प्रयत्न व्यक्ति से व्यक्ति की भिन्नता इन बातों पर आधारित है। इनमें से प्रथम दो बातें व्यक्ति को स्वतः प्राप्त हो जाती है, जो व्यक्ति विशेष के जन्म पर आधारित होती हैं, लेकिन तीसरी बात ‘व्यक्ति के प्रयत्न’ उसके कर्मों पर आधारित है। हमारी सामाजिक व्यवस्था में जिसके पास पहली दो सम्पदाएँ हैं उसे तोसरा प्रयास करने की आवश्यकता नहीं है। सुविधा संपन्न लोग हर दशा में उन लोगों से आगे रहते हैं जिनके पास शारीरिक वंश परम्परा और सामाजिक उत्तराधिकार की शक्ति है। आरम्भ से दबे कुचले लोग समाज के लिए तभी उपयोगी हो सकते हैं, यदि उन्हें समाज के अन्य सदस्यों की भाँति समान अवसर और समान व्यवहार उपलब्ध कराया जाएँ। एक राजनीतिज्ञ सबके साथ राजनैतिक विवशता के कारण समान व्यवहार करता है, भले ही सब लोग समान नहीं होते, क्योंकि उसके लिए वर्गीकरण करना संभव नहीं होता। इसी प्रकार ‘समता’ एक काल्पनिक जगत की वस्तु होते हुए भी एक व्यवहारिक सिद्धांत बन जाता है।

NCERT Summary को बच्चो को ध्यान में देते हुए बनाए गए हैं ताकि उन्हें किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े और वे सभी Students अपने परीक्षा परिणाम में अच्छे अंक ला के अपने जीवन को सफल बना पाए मुझे आप के ऊपर पूरा विश्वास है कि आप सभी अपने परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करेंगे।

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