NCERT Solution:- Aatmparichay, Ak Geet Poem Class 12th Chapter 1 of Aaroh Part-II Book has been developed for Hindi Course. We are going to show Summary & Saransh with Pdf. Our aim to help all students for getting more marks in exams.
पुस्तक: | आरोह भाग दो |
कक्षा: | 12 |
पाठ: | 2 |
शीर्षक: | पतंग |
लेखक: | आलोक धन्वा |
Aatmparichay, Ak Geet Class 12th Explanation & Vyakhya
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
हो जाय न पथ में रात कहीं,
मंजिल भी तो है दूर नहीं
यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी जल्दी चलता है।
दिन जल्दी-जल्दी डलता है।
प्रसंग:- प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘निशा- निमंत्रण’ शीर्षक कविता से उद्धत है। इस कविता के रचयिता ‘श्री हरिवंशराय ‘बच्चन’ जी है। इस पद्याश में कवि कहता है कि दिन का समय शीघ्रता से चलता है और रात का बुलावा आ जाता है। कवि निशा के निमंत्रण द्वारा मानव को अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ने का संदेश देता है।
व्याख्या:- कवि कहता है कि दिन का समय बहुत शीघ्रता से चलता है और रात होने लगती है। अपने घर से गया हुआ व्यक्ति जो दिन में ही शीघ्रता से अपनी मंजिल पर पहुँचना चाहता है। वह यात्री यह सोचकर कि कहीं रास्ते में ही रात न हो जाए जबकि वह अपनी मंजिल से कुछ ही दूरी पर है इसलिए वह सारा दिन का थका हुआ होने के बावजूद भी जल्दी जल्दी अपने कदम रखता हुआ आगे बढ़ता है। अर्थात हर व्यक्ति यह चाहता है कि वह कठिनाइयां माया के चक्कर में पढ़ने से पहले अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर सके और अपनी प्रसिद्धि पा संके।
काव्य सौन्दर्य
(क) भाव पक्ष
• कवि जीवन को प्राप्त करने के लिए लिन करने का संदेश देता है।
(ख) कला पक्ष
• साधारण आम बोलचाल की साहित्यिक भाषा का सुन्दर प्रयोग है।
• अनुप्रास एवं पुनरुक्ति प्रकाश अलकार के द्वारा काव्य सौन्दर्य में वृद्धि हुई है।
• तुकबंदी द्वारा गेयता का गुण काव्य में विद्यमान है। • साधारण शब्दों में गव ने प्रवाहपूर्ण ढंग से दिया है।
वर्णनात्मक पद्धति का सुन्दर योग है।
बच्चे प्रत्याशा में होगे, नीडो से झाँक रहे होंगे
यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता हैं।
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है। चंचलता है।
प्रसंग:- पूर्ववत् कवि यहाँ चिडिया के माध्यम से पानी के घर का चित्र प्रस्तुत करता है।
व्याख्या:- कवि कहता है कि रात होने से पहले जिस प्रकार चिड़िया के बच्चे चिड़िया के आने की आशा में बार-बार अपने घोसलो से बाहर आक-झांककर अपनी माँ का इंतजार करते रहते हैं और चिड़िया भी अपने छोटे-छोटे चल (पंखों) के द्वारा शीघ्र अति शोध अपने पोसले में पहुंचना चाहती है. इसी प्रकार घर से गए यात्री के बच्चे भी बारबार अपने घर से बाहर रास्ते पर उसके आने की उम्मीद लगाए हुए देखते रहते हैं और पानी भी जल्दीबल्दी अपनी तक पहुँचने के लिए प्रयास करता है क्योंकि उसको पता है कि रात के अन्धकार में उसे जाने में कठिनाई होगी।
काव्य सौन्दर्य
(क) भाव पक्ष
• बच्चाका आशा के साथ अपने पिता का इंतजार करना तथा यात्री का मंजिल पर पहुंचने का दृश्य कवि ने यहाँ प्रस्तुत किया है।
(ख) कला पक्ष
• सहज, सरल भाषा का प्रभावपूर्ण प्रयोग किया गया है।
• तुकबंदी द्वारा काव्य का एक गोरूप में प्रस्तुत किया गया है। प्रकाश लकार से कला सोन्दर्य में वृद्धि हुई है
• साधारण व मगष्ट उदाहरण द्वारा कवि ने प्रकृति के नियम के साथ गंभीर विचार प्रस्तुत किया हैर
मुझसे मिलने को कौन विकल?
मैं होऊ किसके हित चचल ?
यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विहलता है।
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है।
प्रसंग:- पूर्ववत्। यहाँ कवि रात के माध्यम से उसके पति व्याकुलता और उसके महत्व का वर्णन करते है।
व्याख्या:- कवि रात के माध्यम से कहता है कि ऐसा कौन है जो कि रात होने का इंतजार करता है उससे मिलने बेचैन रहता है? और रात कहती है कि ऐसा कौन है जिसके पक्ष में चंचल, नटखट रूप धारण करके उससे सम्पर्क इस प्रकार के प्रश्न सारी कविता के अर्थ में परिवर्तन व गति हीनता ला देते हैं अर्थात् रात के बुलावे, दुःखों के ि पर आखिर कौन जाना चाहता है? ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं करना चाहता है। इस के प्रश्न कवि के हृदय में व्याकुलता को उत्पन्न करते हैं। इसलिए कवि सभी को शीघ्रातिशीघ्र अपने लक्ष्य क करने के लिए कहता है क्योंकि सुख का समय कम समय के लिए आता है। अन्धकार रूपी दुःख का लम्बा समय होता है।
काव्य सौन्दर्य
(क) भाव पक्ष -..
• कवि कहता है कि रात के अन्धकार रूपी दुःख को कोई ग्रहण नहीं करता है यदि करता है तो यह बड़ी व्यकी बात है।
(ख) कला पक्ष
साधारण बोलचाल की सरल, सरस, स्पष्ट भाषा के साहित्यिक रूप का वर्णन पद्यांश में उद्धृत है।
• तुकबंदी व नाद सौन्दर्य से कविता एक गीतरूप में प्रस्तुत की गई है।
• प्रश्नात्मक शैली व विस्मयात्मक शैली का सुन्दर समन्वय है।
• अनुप्रास अलकार का सुन्दर प्रयोग है।
• जल्दी-जल्दी की आवृति द्वारा पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार काव्य सौंदर्य में वृद्धि करता है।
• तत्सम शब्दावली की प्रचुरता है।
Last Paragraph:- I Hope Your Summary of Aatmparichay & Ak Geet Class 12 Chapter 2 Problem was Resolved by our Articles. We also thanking you for giving your precious time. Please visit again